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श्री सुरेशभाई चेन्नई का एक लौकिक स्वप्न: एक अक्षरधाम की तरह एक जैनधाम का निर्माण

श्री सुरेशभाई चेन्नई, जैन समुदाय के प्रसिद्ध प्रेरक वक्ता के मन में एक दिव्य स्वप्न(ख्वाब) पलता है - एक ऐसा ख्वाब जो जैन धर्म के गौरव को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की क्षमता रखता है। दिल्ली के भव्य अक्षरधाम मंदिर से प्रेरित होकर, वे एक "जैनधाम" के निर्माण का सपना देखते हैं।

यह जैनधाम न केवल एक भव्य भवन ही नहीं होगा, बल्कि जैन संस्कृति और दर्शन का एक प्रकाशस्तंभ होगा। श्री सुरेशभाई का ख्वाब है कि यह स्थान जैन धर्म के इतिहास, सिद्धांतों, और मूल्यों को एक अनुभव के रूप में प्रस्तुत करें। यहां आने वाले हर व्यक्ति को जैन दर्शन की महानता को छूने का अवसर मिलेगा।

जैनधाम में मंदिर, संग्रहालय, पुस्तकालय, अनुसंधान केंद्र और शैक्षणिक संस्थान जैसे विभिन्न केंद्र सम्मिलित होंगे।  मंदिरभव्य और शांत होगा, जो आत्म निरीक्षण और प्रार्थना के लिए एक माहौल प्रदान करेगा। संग्रहालय में प्राचीन कलाकृतियों, ग्रंथों, और अन्य ऐतिहासिक वस्तुओं के माध्यम से जैन धर्म के समृद्ध इतिहास को दर्शाया जाएगा। पुस्तकालय विद्वानों और खोजकर्ता के लिए एक ज्ञान का भंडार होगा, जहां जैन दर्शन और संस्कृति से जुड़े अनमोल ग्रंथों का संग्रह होगा। अनुसंधान केंद्र भविष्य की पीढ़ियों के लिए जैन धर्म के अध्ययन और विस्तार को बढ़ावा देगा। शैक्षणिक संस्थान में बच्चों, वयस्कों और बुजुर्गों को जैन संस्कृति और मूल्यों के बारे में शिक्षा प्रदान की जाएगी।

सुरेशभाई का मानना है कि जैनधाम का निर्माण न केवल जैन समुदाय, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक महत्वपूर्ण योगदान होगा। यह स्थान धार्मिक सहिष्णुता और मानवता का प्रतीक बनेगा और लोगों को उनके आध्यात्मिक पथ पर आगे बढ़ने का मार्गदर्शन करेगा।

जैनधाम का निर्माण केवल एक भवन का निर्माण नहीं होगा, बल्कि जैन धर्म के गौरव और उज्ज्वल भविष्य की नींव रखने का कार्य होगा।

 हालांकि यह स्वप्न अभी अधूरा है पर वह दृढ़ विश्वास रखते हैं कि यह भव्य स्वप्न एक दिन हकीकत में जरूर बदलेगा।